US-Iran Tension: भारत के नंबर एक दुश्मन और इजरायल के दुश्मन के बीच कई अहम समझौते हुए हैं. हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान और ईरान की. भारत और पाकिस्तान की अदावत किसी से छिपी नहीं है और ईरान और इजरायल में तनाव चरम पर है. इस बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी सोमवार को पाकिस्तान की तीन दिन की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे. इस वक्त जिन परिस्थितियों से दुनिया गुजर रही है, ऐसे में उनकी यह यात्रा अहम मानी जा रही है. मौजूदा दौर में ईरान का इजरायल से संघर्ष जारी है और अमेरिका के साथ उसके संबंध तल्ख हैं. इस वजह से भी वेस्टर्न वर्ल्ड और दुनिया के बाकी देश इस यात्रा पर करीबी नजर रख रहे हैं.
दोनों के बीच 8 समझौतों पर दस्तखत
सोमवार को पाकिस्तान और ईरान के बीच विभिन्न सेक्टर्स में कुल 8 समझौते हुए. इनमें व्यापार, साइंस टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, हेल्थ, कल्चर और न्यायिक मसले शामिल हैं. ईरान के राष्ट्रपति जब इस्लामाबाद के नूर खान एयरबेस पर उतरे तो पाकिस्तान के आवास एवं निर्माण मंत्री मियां रियाज हुसैन पीरजादा ने उनका स्वागत किया. उन्हें प्रधानमंत्री आवास ले जाया गया जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की. तभी दोनों देशों के बीच इन समझौतों पर दस्तखत हुए.
रईसी विभिन्न क्षेत्रों की नामी हस्तियों के एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान में हैं, जो आने वाले दिनों में अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ बैठकें और बातचीत के अलावा सहयोग के पैमाने तैयार करेंगे. रईसी एक दिन इस्लामाबाद में बिताएंगे और फिर मंगलवार को लाहौर की यात्रा के बाद बुधवार को कराची जाएंगे.
राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहा, 'क्षेत्र में उथल-पुथल के बावजूद, ईरानी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान का दौरा करने का फैसला किया है. इससे पता चलता है कि तेहरान इस्लामाबाद को कितना महत्व देता है.' उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारेगी, खासकर पाकिस्तान के अंदर तेहरान के हमले के जवाब में पाकिस्तान के ईरानी क्षेत्र के अंदर हवाई हमले करने के बाद, बल्कि आर्थिक सहयोग की पहल को आगे बढ़ाने में भी अहम होगी.
बाइडेन प्रशासन नाखुश
ईरानी राष्ट्रपति पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सीनेट के अध्यक्ष सैयद यूसुफ रजा गिलानी और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक से मुलाकात करेंगे. सूत्रों ने बताया कि ईरानी राष्ट्रपति पाकिस्तानी सेना प्रमुख के साथ आतंकवाद के साझा खतरे से निपटने के लिए आपसी सहयोग तलाशने की कोशिश करेंगे. ईरान और इज़रायल के बीच हालिया तनाव और तेहरान की ओर से अमेरिका को सीधी धमकी के बीच हो रही ईरानी राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा से बाइडेन प्रशासन ज्यादा खुश नहीं है.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान पर ईरानी राष्ट्रपति की मेजबानी न करने के लिए अमेरिका का दबाव था. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "दबाव के बावजूद, पाकिस्तान ने अमेरिका को बताया कि निर्धारित यात्रा क्षेत्र में मौजूदा तनाव से पहले तय की गई थी."
क्या बोले राजनीतिक पंडित
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी ने कहा, 'अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक और लंबी दूरी के मिसाइल कार्यक्रम को सहायता देने के लिए तीन चीनी कंपनियों सहित चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. इससे साफ है कि वॉशिंगटन के कदम का मकसद ईरान के राष्ट्रपति की मेजबानी से परहेज करने के लिए पाकिस्तान पर अधिक दबाव डालना था.'
सिद्दीकी ने कहा कि यह भी जगजाहिर है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना के पुनरुद्धार में कोई दिलचस्पी दिखाने से परहेज करने की भी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, 'अमेरिका ने पाकिस्तान को ऐसा निर्णय लेने पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी.'
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